Indicators on shiv chalisa lyrics in bengali You Should Know
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कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥
अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है।
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥